गांधी स्मृति और दर्शन समिति और जमघट (गली के बच्चों का एक समूह) के संयुक्त तत्वावधान में गांधी दर्शन में धनक रंग तरंग कार्यशाला का आयोजन 11 से 30 जून 2018 को किया गया। इसमें राजधानी के विभिन्न क्षेत्रों से आए 21 बच्चों ने भाग लिया। कार्यशाला में सुश्री नेहा गर्ग, सुश्री सुनिता भट्ट, सुश्री अनिता महतो सेवा प्रदाता थीं।
इस कार्यशाला का उद्देश्य लोकतंत्र के मूल्यों, शांति, करूणा, अहिंसा, टीम निर्माण और शिक्षा को बढ़ाना देना था। इसमें बच्चों की छुपी प्रतिभा को उभारने के लिए अनेक गतिविधियां संचालित की गई, उन्हें वास्तविक जीवन में आने वाली समस्या से जोड़ने के लिए खेल करवाए गए और सलाह देने के लिए प्रेरित किया गया, उनके क्रोध को बिना किसी विध्वंस के सकारात्मक दिशा की ओर मोडा गया।
कार्यक्रम में गांधीजी के मूल्यों यथा, सत्य, अहिंसा, सहयोग, एकता और स्वशासन पर चर्चा की गई। प्रतिभागियों को राजघाट स्थित गांधी समाधि, गांधी दर्शन संग्रहालय और गांधी स्मृति का दौरा करवाया गया और उन्हें गांधीजी के जीवन की जानकारी दी गई। समूह गान, पत्थर चित्रकला, स्केचिंग, क्ले माॅडलिंग भी इस मौके पर करवाई गई। बच्चों ने गांधी दर्शन स्थित प्रदर्शनी ‘मेरा जीवन ही मेरा संदेश है’ के दौरे के दौरान श्रमदान अभियान भी चलाया और समिति के बगीचा क्षेत्र की सफाई की। इस कार्यशाला का उद्देश्य बच्चों में गांधीजी के आचार-विचारों को आत्मसात करवाना और आवश्यकता पड़ने पर उन्हें लागू करना था-उदाहरण के लिए जब वे किसी वाद-विवाद और झगड़े के चक्कर में पड़ते हैं, अपनी संपत्ति को दूसरों के साथ बांटते हैं, व्यक्तिगत टिप्पणी से बचते हैं, अपने दोस्तों के बीच के विवादों या अपने विवादों को दूर करते हैं।
‘‘ हम बच्चों की मदद उनको सत्य के मूल्य, शांति, अहिंसा, एकता, सहयोग और उनके जीवन में सादगी को सम्मिलित करने में करते हैं और आशा करते हैं कि समय के साथ यह उनके व्यवहार में सकारात्मक परिवर्त न लाएगी।’’ जमघट की शिप्रा राय कहती हैं।
समापन सत्र में प्रतिभागियों ने अपने अनुभव साझा किए। उन्होंने थियेटर के माध्यम से अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन किया। कार्यशाला के दौरान प्रतिभागियों द्वारा सृजित उत्पादों को इस अवसर पर प्रदर्शित किया गया।