जीएसडीएस कार्यक्रम

गांधीदर्शन में उत्साह से मनाया गया योग दिवस

गांधी स्मृति एवम् दर्शन समिति द्वारा 10वाँ अंतरराष्ट्रीय योग दिवस महोत्सव गांधी दर्शन राजघाट में उत्साहपूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर वाल्मीकि नगर के सांसद सुनील कुमार मुख्य अतिथि थे। अध्यक्षता समिति के निदेशक डॉ ज्वाला प्रसाद ने की।
कार्यक्रम में 600 स्कूली बच्चों, शिक्षकों और स्टाफ़ सदस्यों ने योगाभ्यास किया। इस अवसर पर अपने संबोधन में सांसद श्री सुनील कुमार ने कहा कि योग भारतीय संस्कृति की पहचान है। प्रधानमंत्री जी की पहल पर आज विश्व के 172 देशों में योग दिवस मनाया जा रहा है। यह भारत के लिए गौरव की बात है।
अपने विचार व्यक्त करते हुए निदेशक डॉ ज्वाला प्रसाद ने कहा कि यह दिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर योग के शारीरिक, मानसिक और आत्मिक लाभों के प्रति जागरूकता फैलाने के लिए मनाया जाता है।महात्मा गांधी भी प्राणायाम और आसनों को आम जीवन में उतारने की वकालत करते थे। यह हर्ष का विषय है कि आज पूरी दुनिया में योग के प्रति आकर्षण और योग की उपयोगिता भी बढ़ रही है।
समिति के प्रशासनिक अधिकारी संजीत कुमार ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया।
इस मौक़े पर विश्व संगीत दिवस भी मनाया गया, जिसमें मंज़िल मिस्टिक्स के कलाकारों ने संगीतमय सांस्कृतिक कार्यक्रम प्रस्तुत किया।
समारोह में सुलभ इंटरनेशनल की सीनियर वाइस प्रेसिडेंट आभा कुमार, समिति के कार्यक्रम कमेटी सदस्य श्री प्रभात कुमार, श्री हर्ष छाबड़िया, कार्यक्रम अधिकारी डॉ वेदभ्यास कुण्डू सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे।

10th international Yoga Day

The 10th international Yoga Day was organised by Gandhi Smriti and Darshan Samiti in Gandhi Darshan , Rajghat on June 21, 2024, in which almost 600 participants took part.
Hon’ble Member of Parliament Lok Sabha from Valmiki Nagar West Champaran Bihar, Shri Sunil Kumar was the chief guest on this occasion . Senior Vice President of Sulabh International Social Service Organisation (the Yoga Event Partner), Smt. Abha Kumar, Sh Navneet Gupta, Sales Manager, Amul India (the Yoga Event Partner), GSDS Programme Committee Members, Sh Prabhat Kumar and Sh Lakshya Chhabaria graced this event. Dr Jwala Prasad, Director
GSDS presided over the program. GSDS Administrative Officer Sh Sanjeet Kumar, Programme Officer, Dr Vedabhyas Kundu were also present on this occasion.
Yoga asanas were conducted by Dr Mukesh Kr Dwivedi from the All India Institute of Ayruveda and his team.
As part of World Music Day also celebrated on this day, Cultural performances by Mystic Swarna and Manzil Mystics were other attractions of the programme.

Hon'ble President Smt. Droupadi Murmu unveiled a 12-foot statue of Mahatma Gandhi

As part of the G-20 celebrations, Hon'ble President Smt. Droupadi Murmu unveiled a 12-foot statue of Mahatma Gandhi at Gandhi Darshan Rajghat on September 4, 2023. The hon'ble President also inaugurated the Gandhi Vatika where statues of Mahatma Gandhi in different poses have been installed. Lieutenant Governor of Delhi Hon'ble Shri Vinai Kumar Saxena was the guest of honour on the occasion. Hon'ble Vice Chairman, GSDS Shri Vijay Goel presided over the programme. 1200 plus children from different institutions of Delhi and NCR took part in the programme that saw the participation of more than 1000 members including the diplomatic corps, Gandhians, academicians, social workers and others. Dr. Jwala Prasad, Director GSDS was also present on the occasion and facilitated in the management of the same.

समान नागरिक संहिता: समय की आवश्यकता

गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति द्वारा आयोजित “समान नागरिक संहिता: समय की आवश्यकता” विषय पर व्याख्यान कार्यक्रम का आयोजन तीस जनवरी मार्ग, गांधी स्मृति में किया गया। इस अवसर पर केरल के माननीय राज्यपाल आरिफ मोहम्मद खान ने उपस्थित लोगों को समान नागरिक संहिता पर संबोधित किया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता पूर्व केंद्रीय मंत्री व गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के उपाध्यक्ष श्री विजय गोयल ने की।
श्री आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि 'समान नागरिक संहिता' देश की एकता के लिए बहुत आवश्यक है। यह दुर्भाग्य है कि कुछ लोग इसे धर्म से जोड़कर देख रहे हैं। जबकि सामान नागरिक संहिता किसी धर्म को टारगेट नहीं करती। अपितु यह देश के लोगों के लिए समान कानून की बात करता है।
उन्होंने कहा कि ये कानून यह काम करेगा कि अगर दो महिलाएं समान परिस्थितियों में कोर्ट जाती हैं तो कोर्ट यह नहीं पूछेगा कि तुम्हारा क्या धर्म है। बल्कि समान रूप से न्याय हर नागरिक का हक है। ये कानून यही सुनिश्चित करेगाI 2019 से लेकर आज तक मुस्लिमों में तीन तलाकों के मामलों में 96 प्रतिशत कमी आई है I इसका फायदा उन महिलाओं और उनके बच्चों को हुआ, जो तीन तलाक के बाद परेशान थे और उनके पास कोई साधन नहीं था I इस कानून से उनकी जिंदगी बदल गईI इसी प्रकार यूनिफार्म सिविल कोड भी आम नागरिकों के हितों की रक्षा करेगा।
श्री आरिफ मोहम्मद खान ने कहा कि भारत क्रांतियों का नहीं, सक्रांतियों का देश है। हम अपनी सांस्कृतिक विविधताओं को साथ लेकर जीते हैं।
इस अवसर पर बोलते हुए श्री विजय गोयल ने कहा कि इस बात की आवश्यकता महसूस की जा रही है कि भारत में रहने... Read More

रन 4 वीमेन पावर

विजय गोयल ने गांधी दर्शन, राजघाट से G20 रन फॉर वीमेन पावर दौड़ को झंडा दिखाकर रवाना किया
इस रन के जरिए हम स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहे हैं - गोयल
गुजरात, हरियाणा, यूपी और दिल्ली से लगभग 1000 प्रतिभागी रन 4 वीमेन पावर में शामिल हुए
महिला स्वतंत्रता सेनानियों ने महात्मा गांधी के नेतृत्व में स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई - किरण चोपड़ा

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर 5 मार्च को गाँधी दर्शन में जी 20 रन फॉर वीमेन पॉवर का आयोजन किया गया। इसमें दिल्ली, गुजरात, हरियाणा और उत्तर प्रदेश के विभिन्न हिस्सों से लगभग 1000 उत्साही धावकों ने भाग लिया। इस दौड़ को पूर्व केंद्रीय मंत्री और गांधी स्मृति के उपाध्यक्ष विजय गोयल और वरिष्ठ नागरिक केसरी क्लब की अध्यक्ष एवं कार्यक्रम की मुख्य अतिथि श्रीमती किरण चोपड़ा ने झंडा दिखाकर रवाना किया। गोयल ने इस अवसर पर प्रतिभागियों को पुरस्कार भी प्रदान किए। यह कार्यक्रम गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति और हेल्थ फिटनेस ट्रस्ट के सहयोग से अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया । पूर्व एशियाई मैराथन चैंपियन और हेल्थ फिटनेस ट्रस्ट की संस्थापक निदेशक सुनीता गोदारा दौड़ की समन्वयक थी।
युवाओं को प्रेरित करते हुए, विजय गोयल ने प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी के गतिशील नेतृत्व में भारत द्वारा हासिल की गई उपलब्धियों के बारे में चर्चा की। उन्होंने कहा कि यही टीम भावना हमें जीवन को देखने का एक नया नजरिया भी देती है। इस तरह के खेल आयोजनों से हमें टीम भावना सीखने को मिलती है। गोयल ने कहा, इस रन के जरिए महात्मा गांधी के साथ हम सभी स्वतंत्रता सेनानियों को याद कर रहे हैं और इस प्रकार के कार्यक्रम... Read More

गांधीजी को किताब से निकालकर व्यवहार में लायें’: विजय गोयल

गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति द्वारा गाँधी स्मृति में गाँधी विचार सभा आयोजित की गयी. इसकी अध्यक्षता समिति के उपाध्यक्ष व पूर्व केन्द्रीय मंत्री श्री विजय गोयल ने की. कार्यक्रम में लगभग 70 गाँधी कार्यकर्ता, गांधीवादी लेखक, चिन्तक व विचारक उपस्थित थे.
इस अवसर पर गांधीजी के विचारों, उनके कार्यों और संदेशों का प्रसार आमजन तक करने पर विचार मंथन किया गया. सभा में उपस्थित अनेक लोगों ने सुझाव दिया कि गांधीजी आज इस देश की आवश्यकता हैं. हमें युवाओं और बच्चों को अधिक से अधिक गाँधी विचारों से जोड़ना चाहिए. कुछ गांधीवादियों ने सोशल मीडिया पर गांधी जी के बारे में चल रहे दुष्प्रचार पर चिंता जताते हुए, इसे रोकने का सुझाव दिया. गाँधी कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए श्री विजय गोयल ने कहा कि गांधी को किताबों से निकालकर व्यवहार में लाना आवश्यक है. उन्होंने कहा कि गाँधी जी को सरल और सहज बनाना चाहिए. यहाँ उपस्थित हम सब लोगों की जिम्मेदारी है की स्कूल कालेज के बच्चों को गांधीजी के बारे में आसान तरीके से समझाएं, श्री गोयल ने कहा कि आज माननीय प्रधानमन्त्री जी ने गांधीजी के अनेक विचारों को अपने कार्यों के माध्यम से मूर्त रूप दिया है. स्वच्छता, गाँधी जी का ही सपना था, जिसे प्रधानमन्त्री जी ने एक जनांदोलन का रूप दे दिया. आज देश भर में करोड़ों शौचालय बनाए गये हैं. ग्रामीण इलाकों के लोगों का आज खुले में शौच से मुक्ति मिली है.
श्री गोयल ने कहा कि गांधीजी को जन जन तक पहुँचाने के लिए सभी गांधीवादी संस्थायों को एकजुट होकर कार्य करना चाहिए. इस कार्य में गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति यथासम्भव सहयोग करेगी. उन्होंने कहा कि गांधीजी के जीवन की चार चीजें अधिक महत्वपूर्ण हैं. ये है- सत्य. अहिंसा, सेवा... Read More

'गांधी हमारे जीवन में' कार्यक्रम आयोजित

गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति द्वारा गांधी दर्शन राजघाट में आज 20 अप्रैल को ‘गांधी हमारे जीवन में’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इस अवसर पर दिल्ली के विभिन्न इलाकों से 500 से अधिक लोग उपस्थित थे. कार्यक्रम में समिति के उपाध्यक्ष श्री विजय गोयल बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित थे. कार्यक्रम का संयोजन श्री विकेश सेठी ने किया. समिति के निदेशक श्री दीपंकर श्री ज्ञान ने अतिथियों का आभार प्रकट किया.
इस अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए श्री विजय गोयल ने कहा कि गांधी जी ने पूरे देश को जोड़कर रखा. उन्होंने कहा कि गांधी ने अपनी आत्मकथा सत्य के प्रयोग में उन्होंने अपने जीवन को खोलकर रखा. गांधी को जानने के लिए आप यह पुस्तक अवश्य पढ़ें. गांधी ने सारा जीवन अन्याय के विरुद्ध लडाई लड़ी. गांधी जब साउथ अफ्रीका से भारत आए, तो वे सबसे पहले चम्पारण पंहुचे और वहां से पूरे देश में छा गये. आज हमारा जीवन छोटी छोटी बातों में बीत रहा है, जबकि गांधी बड़ी बड़ी बातें करते थे. हमें भी बड़ी सोच रखनी चाहिए. उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री सच्चे मायनों में गांधी को जीते हैं. गांधी के स्वच्छता अभियान को उन्होंने आगे बढाया.
उन्होंने कहा कि गांधी स्मृति और गांधी दर्शन परिसर में अनेक विश्व स्तरीय म्यूजियम हैं. जहाँ आप सोमवार को छोड़कर किसी भी दिन परिवार सहित आकर गांधी से संबंधित दुर्लभ जानकारी प्राप्त कर सकते हैं.
श्री विकेश सेठी ने कहा कि गांधी जी ने स्वतंत्रता प्राप्ति हेतु अनेक अविस्मरणीय कार्य किये. हमें उनका योगदान याद रखकर उनके जीवन का अनुसरण करना चाहिए.
कार्यक्रम में मीना नेगी के संयोजन में पंजाबी लोकनृत्य, गरबा, राजस्थानी लोक नृत्य व देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति दी गई. खचाखच भरे आडिटोरियम... Read More

अंतर्राष्ट्रीय नवरोज उत्सव आयोजित

गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति एवं बामयान विंटर स्कूल द्वारा गांधी दर्शन में नवरोज उत्सव हर्षोल्लास से मनाया गया. गांधी- बादशाह खान सप्ताह के तहत आयोजित इस कार्यक्रम में अफगानी गीत-संगीत की स्वरलहरियों के बीच भारत और अफगानिस्तान की संस्कृति के विविध रंग देखने को मिले.
कार्यक्रम में बतौर मुख्य अतिथि उपस्थित सिक्किम के पूर्व राज्यपाल डा बी पी सिंह ने कहा कि नवरोज खुशी, संगीत व शांति का त्यौहार है. ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन से भारत और अफ़ग़ानिस्तान के सांस्कृतिक रिश्ते और मजबूत होंगे.
गांधी स्मृति एवम दर्शन समिति के कार्यकारीणि सदस्य एवं सुलभ इंटरनेशनल के संस्थापक श्री बिंदेश्वर पाठक ने गांधी जी और खान अब्दुल गफ्फार खान के सम्बन्धों पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा कि दोनों अहिंसा और शांति के पुजारी थे. आज के दौर में शांति की समाज को बहुत आवश्यकता है.
प्रो नारायण भाई ने कहा कि उनका सौभाग्य है कि वे खान अब्दुल गफ्फार खान से मिले थे. वे एक महान व्यक्तित्व थे.
गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के निदेशक श्री दीपंकर श्री ज्ञान ने कहा कि भारत और अफगानिस्तान के संबंध प्राचीन काल से हैं. महाभारत में कांधार नरेश की पुत्री गांधारी का जिक्र आता है, जो भारत की महारानी बनीं. खान अब्दुल गफ्फार खान को भी भारत में सीमांत गांधी कहा जाता है. भारत और अफगानिस्तान के संबंध संस्कृति और पठन पाठन के आदान प्रदान से और मजबूत हुए हैं.
कार्यक्रम में गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के अहिंसक संचार पाठ्यक्रम के विद्यार्थियों ने पाठ्यक्रम की विशेषताओं पर अपने विचार प्रकट किये. सभी अतिथियों का समिति की ओर से स्मृति चिन्ह देकर सम्मान किया गया.
इस अवसर पर रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रमों... Read More

गांधी तुम जिंदा हो

राज्यसभा सांसद डॉ सोनल मानसिंह, दिल्ली के पुलिस आयुक्त श्री राकेश अस्थाना, श्री जीपी सिंह सचिव विशेष सेल दिल्ली सरकार और पूर्व केंद्रीय मंत्री और उपाध्यक्ष गांधी स्मृति और दर्शन समिति श्री विजय गोयल के साथ निदेशक जीएसडीएस श्री दीपांकर श्री ज्ञान ने उद्घाटन किया। 5 दिसंबर, 2021 को गांधी स्मृति में थेस्पियन सोसाइटी के राज उपाध्याय द्वारा निर्देशित "गांधी तुम जिंदा हो" नाटक। कार्यक्रम में 500 से अधिक लोगों ने भाग लिया।
आजादी का अमृत महोत्सव के अंतर्गत, गांधी स्मृति एवंकदर्शन समिति ने थेस्पियन सोसाइटी के साथ मिलकर 5 दिसंबर, 2021 को गांधी स्मृति में "गांधी तुम जिंदा हो" नाटक का मंचन किया।
नाटक का दृष्टिकोण युवाओं में राष्ट्रवाद की भावना को आत्मसात करना है जिसने महात्मा गांधी और अन्य स्वतंत्रता सेनानियों को देश की सेवा के बड़े उद्देश्य के लिए प्रेरित किया।
यह नाटक स्वतंत्रता के बाद के युग में गांधी की प्रासंगिकता को अलग-अलग रंगों में प्रदर्शित करता है और इस अवसर के लिए उपयुक्त है क्योंकि यह आज के युवाओं और महात्मा के आदर्शों के बीच एक सेतु का निर्माण करता है।
शांति के आदर्श पर ध्यान केंद्रित करने वाले इस कार्य ने 21वीं सदी में गांधीवादी दर्शन की प्रासंगिकता का उदाहरण दिया जो दुनिया भर में भारतीयों को बांध सकता है।

‘महामति प्राणनाथ एवं महात्मा गाँधी के दर्शन में आध्यात्मिक समभाव’

गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति और श्री प्राणनाथ मिशन दिल्ली के संयुक्त तत्वावधान में आज राजघाट स्थित गाँधी दर्शन में राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया. इसका विषय था-‘महामति प्राणनाथ एवं महात्मा गाँधी के दर्शन में आध्यात्मिक समभाव’. कार्यक्रम में उत्तर परिषद शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष प्रो गिरीशचन्द्र त्रिपाठी मुख्य अतिथि थे, और पूर्व केन्द्रीय मंत्री और गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति के उपाध्यक्ष श्री विजय गोयल बतौर विशिष्ट अतिथि उपस्थित थे. अध्यक्षता दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो पी सी टंडन ने की.
उपस्थित जनों को सम्बोधित करते हुए श्री विजय गोयल ने युवाओं को महामति प्राणनाथ और महात्मा गाँधी के जीवन से प्रेरणा लेने का आह्वान किया. उन्होंने कहा कि महात्मा गाँधी, महामती प्राणनाथ, कबीर, नानक आदि सभी संतों ने अपनी शिक्षाओं में परसम्मान, सत्य, समाजसेवी भावना अपनाने पर जोर दिया है. गांधीजी ने तो अपना पूरा जीवन सेवा में बिता दिया. आज हमें और विशेषत : युवाओं को इन महापुरुषों से प्रेरणा लेनी चाहिए.
प्राणनाथ मिशन के निदेशक श्री मोहन प्रियाचार्य ने कहा कि गाँधी भारत में ही नहीं, अपितु पूरे विश्व में सम्माननीय हैं. लोग उन्हें शांतिदूत, सत्य अन्वेषक और अहिंसा के पुजारी के रूप में जानते हैं. उनमें और महामती प्राणनाथ के विचारों में अनेक समानताएं थीं, गांधीजी की तरह महामति जी भी अपने विचारों में कई बार चरखे का उल्लेख करते हैं.
बीएचयू के पूर्व कुलपति और उत्तर परिषद शिक्षा परिषद् के अध्यक्ष प्रो गिरीशचन्द्र त्रिपाठी ने अपने सम्बोधन में भारतीय दर्शन की विशेषताओं का जिक्र करते हुए कहा कि सम्पूर्ण सृष्टि हमारा परिवार है. हमारी आत्मा ही परमात्मा है. यही भारतीय दर्शन है.
गाँधी... Read More

संविधान हमारी संस्कृति का परिचायक है :विजय गोयल

पूर्व केन्द्रीय मंत्री एवं गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति के उपाध्यक्ष श्री विजय गोयल ने कहा है कि भारत का संविधान विश्व का सबसे बड़ा संविधान है. यह हमारी संस्कृति का परिचायक है. संविधान ने हमें मौलिक अधिकार प्रदान किये हैं. हमें अपने महान संविधान की कद्र करते हुए, कोई भी ऐसा कार्य नहीं करना चाहिए जो संविधान सम्मत ना हो.
श्री गोयल आज संविधान दिवस के अवसर पर गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति और बिल्ड इंडिया ग्रुप द्वारा आयोजित राष्ट्र निर्माण में मौलिक कर्तव्यों का महत्व विषय पर आयोजित संगोष्ठी में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे. श्री गोयल ने कहा कि वर्ष 2015 में माननीय प्रधानमन्त्री श्री नरेंद्र मोदी जी ने संविधान दिवस मनाने की शुरुआत की थी. इसके पीछे उनका उद्देश्य लोगों को संविधान के प्रति जागरूक करना था. उन्होंने आह्वान किया कि स्कूलों में नियमित तौर पर मॉक संसद के कार्यक्रम होने चाहिए, ताकि भावी भारत के भविष्य हमारे विद्यार्थी संसदीय प्रक्रियाओं की बारीकी समझ सकें.
कार्यक्रम में अपने विचार व्यक्त करते हुए बिल्ड इंडिया के श्री बिराज महापात्रा ने कहा कि भारत का संविधान एक ऐसा दस्तावेज है, जो हमें इस देश में रहने का और यहाँ के संसाधनों के उपयोग करने का अधिकार देता है. यह एक ऐसा दस्तावेज है, जिसे सुप्रीम कोर्ट और देश के विभिन्न कोर्ट प्रतिदिन अपनी कसौटी पर कसता है.
हरिजन सेवक संघ के उपाध्यक्ष श्री लक्ष्मीदास ने कहा कि भारत का संविधान दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है, जिसके निर्माण में 2 वर्ष, 11 महीने और 18 दिन का समय लगा। आज उन महान लोगों को याद करने का दिन है, जिन्होंने अपनी तपस्या से इस महान दस्तावेज को हमारे सामने रखा.
गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति के... Read More

'आग़ाज़ ए दोस्ती

स्वतंत्रता की 75 वीं वर्षगांठ के अवसर पर देशभर के विभिन्न गैर राजनीतिक स्वयं सेवी संगठनों की ओर से राजघाट स्थित गांधी दर्शन से 'आग़ाज़ ए दोस्ती' का शुभारंभ हुआ । यह यात्रा खादी आश्रम, पानीपत, शहीद भगत सिंह के जन्मस्थान खटकड़ कलां, गदरी बाबया की स्मृति में जालंधर स्थित देशभक्त यादगार हॉल, दुद्दी कलां में लाला लाजपतराय के जन्मस्थान मोगा होते हुए हुसैनीवाला स्थित भगत सिंह के समाधिस्थल पहुचकर सम्पन्न होगी ।

सत्ता परिवर्तन नहीं हृदय परिवर्तन से सार्थक होगी आज़ादी : डॉ सुब्बाराव

प्रसिद्ध गांधीवादी स्वतंत्रता सेनानी पद्मश्री डॉ एस एन सुब्बाराव ने कहा है कि गाँधी जी के लिए आज़ादी का अर्थ था- स्वराज प्राप्ति. वे मानते थे कि केवल सत्ता परिवर्तन से नहीं, अपितु भारतवासियों के हृदय परिवर्तन से आज़ादी सार्थक होगी.
श्री सुब्बाराव आज गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति द्वारा आयोजित ई राष्ट्रीय सम्मेलन “ स्वतन्त्रता आन्दोलन पर गांधीजी का प्रभाव” में बतौर मुख्य वक्ता अपने विचार प्रकट कर रहे थे. यह सम्मेलन आज़ादी के अमृत महोत्सव के उपलक्ष्य में आयोजित किया गया था. श्री सुब्बाराव ने कहा कि गांधीजी की जीवन यात्रा एक डरपोक व्यक्ति से साहसी व्यक्ति बनने की है. सभी युवाओं को उनके जीवन से प्रेरणा लेनी चाहिए. अतीत की स्मृतियों को याद करते हुए उन्होंने कहा कि भारत छोडो आन्दोलन के समय वे स्कूल में पढ़ते थे. उन्हें भारत माता की जय बोलने और खादी पहनने के कारण गिरफ्तार कर लिया गया था.
कार्यक्रम के मुख्य अतिथि, सिक्किम के पूर्व राज्यपाल डॉ बी पी सिंह ने कहा कि गाँधी कहते थे कि सभी धर्म हमें सिखलाते है कि हम सभी आपसी सद्भाव से एकजुट होकर रहें. गाँधी जी ने सदैव शांति, सद्भाव, अहिंसा और परस्पर स्नेह की समाज में बहाली के लिए काम किया.
राष्ट्रीय गाँधी संग्रहालय के पूर्व निदेशक डॉ वाई पी आनंद ने कहा कि महात्मा गांधी मात्र एक व्यक्ति नहीं अपितु विचार हैं. उनके विचार हमारे जीवन के उत्थान के लिए बहुत आवश्यक हैं. आज़ादी के आन्दोलन की सफलता की कल्पना गांधी के बिना नहीं की जा सकती.
एशिया पेसिफिक रिसर्च एसोसिएशन की डॉ. विद्या जैन ने गांधीजी को महिला उत्थान का सबसे बड़ा पैरोकार बताया. उन्होंने कहा कि गाँधी जी समाज में महिलाओं की स्थिति के उत्थान के लिए प्रयासरत रहे.... Read More

“स्वतन्त्रता आन्दोलन में महात्मा गांधी का योगदान अतुलनीय”

5/08/2021
स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ के मौके पर आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति द्वारा तृतीय ई क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. सेंट टेरेसा कॉलेज एरनाकुलम के गांधी पीस और नॉन वायलेन्स स्टडी सेन्टर के सौजन्य से आयोजित इस सम्मेलन में वक्ताओं द्वारा स्वतन्त्रता आन्दोलन में महात्मा गांधी का प्रभाव विषय पर विमर्श किया गया.
सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार प्रकट करते हुए गुजरात विद्यापीठ के प्राध्यापक और वरिष्ठ चिंतक एम.पी. मथाई ने कहा कि आज़ादी के आन्दोलन में महात्मा गांधी का विशेष योगदान था. चम्पारण आन्दोलन से लेकर आज़ादी प्राप्ति तक का समय इतिहास में उनके ही नाम रहा. उनके सानिध्य में अनेक सेनानियों ने अपने व्यक्तित्व को निखारा. नेहरु, पटेल, विनोबा, कृपलानी, कमला नेहरु, कुमारप्पा जैसे नेता उनकी ही देन हैं. उनका जीवन एक खुली किताब की तरह रहा. हमें इनके जीवन से काफी कुछ सिखने को मिल सकता है.
समिति निदेशक श्री दीपंकर श्री ज्ञान ने कहा की स्वतन्त्रता आन्दोलन में गांधीवाद का पूरा प्रभाव रहा. हम आज आज़ादी का अमृत महोत्सव कार्यक्रम के जरिये आज़ादी के सिपाहियों को याद कर रहे है. इस कार्यक्रम की शुरुआत 12 मार्च को माननीय प्रधानमंत्री ने साबरमती आश्रम से की थी.
समेलन में गाँधी पीस और नॉन वायलेंस स्टडी सेंटर की स्निग्धा प्रदीप मेक्स्लिन एम मेक्सी, कालीकट विश्वविद्यालय के प्रो. आर सुन्दरन ने भी अपने विचार रखे. इस कार्यक्रम के उद्देश्यों की जानकारी सेंट टेरेसा कॉलेज एरनाकुलम की डॉ प्रीति कुमार ने दी. कार्यक्रम का संचालन डॉ लता नायर और डॉ प्रीती कुमार ने संयुक्त रूप से किया.

स्वतंत्रता आंदोलन में गांधी का योगदान अविस्मरणीय

गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति द्वारा आज “भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में महात्मा गांधी का प्रभाव” विषय पर तीसरे ई क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. समिति द्वारा यह कार्यक्रम जमशेदपुर महिला कॉलेज जमशेदपुर के सहयोग से आयोजित किया गया. सम्मेलन में विश्व भारती शांति निकेतन विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. बिद्युत चक्रवर्ती मुख्या अतिथि थे.
इस अवसर पर अपने विचार प्रकट करते हुए प्रो चक्रवर्ती ने कहा कि वकील मोहनदास की महात्मा गांधी बनने की यात्रा को समझने के लिए हमें इतिहास में देखना होगा. पहले दक्षिण अफ्रीका में सत्याग्रह, फिर चम्पारण आंदोलन से लेकर आजादी के संघर्ष में उनकी हिस्सेदारी. इस तरह एक संघर्षशील प्रक्रिया से गुजरकर वे महात्मा गांधी बने. आजादी की लडाई में उनका योगदान अविस्मरणीय है.आज़ादी के आन्दोलन में महात्मा गांधी का विशेष योगदान था.
विकास भारती बिशनपुर के संस्थापक सचिव पद्मश्री अशोक भगत ने कहा कि गांधी जी भारत की सनातन परंपरा को साथ लेकर चले. अपने गुरु गोखले की सलाह पर उन्होंने भारत का भ्रमण कर भारत को जाना. उनकी अहिंसा की अवधारणा भारत की ‘अहिंसा परमो धर्म:’ की पुरातन परंपरा से प्रेरित है.  समिति निदेशक श्री दीपंकर श्री ज्ञान ने कहा कि गांधी जी के आंदोलन अहिंसा के प्रतीक है. वे अहिंसा को लेकर बहुत सजग थे. यही कारण है कि जब चौरी-चौरा में हिंसा हुई, तो उन्होंने तुरंत अपना आंदोलन वापस ले लिया. उनकी अहिंसा की अवधारणा आज भी प्रासंगिक है. सम्मेलन में जमशेदपुर महिला कॉलेज की प्राचार्य डॉ. शुक्ला मोहंती ने कहा कि आजादी की वर्षगांठ मनाना तभी सार्थक होगा, जब हम स्त्री की स्वतंत्रता सुनिश्चित करेंगे.इस अवसर पर सनातन दीप, राजदीप पाठक सहित अनेक गणमान्य लोगों ने भी... Read More

द्वितीय ई सम्मेलन का आयोजन 

स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगाँठ के मौके पर आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत आयोजित कार्यक्रमों की श्रृंखला में आज गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति द्वारा द्वितीय ई क्षेत्रीय सम्मेलन का आयोजन किया गया. इस सम्मेलन का विषय था-भारत के स्वतन्त्रता आन्दोलन में महात्मा गांधी का प्रभाव. समिति द्वारा यह कार्यक्रम गुजरात विद्यापीठ के गांधी अध्ययन और शांति शोध केंद्र और बिरला कॉलेज कल्याण के सहयोग से आयोजित किया गया था. सम्मेलन में समिति के “अहिंसक संचार ” पाठ्यक्रम के गुजराती संस्करण का शुभारम्भ भी किया गया.
इस ई सम्मेलन में बतौर मुख्य अतिथि अपने विचार प्रकट करते हुए गुजरात विद्यापीठ के कुलपति श्री राजेंद्र खिमानी ने कहा कि आज़ादी के आन्दोलन में महात्मा गांधी का विशेष योगदान था. यह उन्हीं का प्रभाव था कि आम जनमानस ने अहिंसा और शान्ति के पथ पर कदम बढाते हुए आज़ादी प्राप्त की. 
गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति की कार्यकारी परिषद् की सदस्या श्रीमती रजनी बक्षी ने कहा कि प्रेम अहिंसा का प्रमुख रूप है. गांधीजी ने प्रेम के कई रूपों पर बात की. हमें प्रेम की भावनाओं को सदैव जीवित रखने का प्रयास रखना है. क्योंकि घृणा से हम किसी भी समस्या का हल नहीं पा सकते. आपसी सद्भावना, प्रेम और अहिंसा ये हमारे आज़ादी के आन्दोलन की नींव का पत्थर रहें हैं. समिति निदेशक श्री दीपंकर श्री ज्ञान ने कहा की स्वतन्त्रता आन्दोलन में गांधीवाद का पूरा प्रभाव रहा. उनकी अहिंसा की अवधारणा आज भी प्रासंगिक है. सम्मेलन में बीके बिरला कॉलेज के  निदेशक डॉ नरेश चन्द्र ने भी अपने विचार रखे. समिति के कार्यक्रम अधिकारी डॉ वेदाभ्यास कुंडू ने सभी अतिथियों का आभार व्यक्त किया. कार्यक्रम का संचालन मुंबई विश्वविद्यालय की डॉ नमिता निम्बालकर... Read More

वीआईपी दौरे-

पेसिफिक एयर फ़ोर्स के कमांडर के पति ने गांधी स्मृति का दौरा किया.
-महापौर, दक्षिण दिल्ली नगर निगम ने गांधी दर्शन का दौरा किया
दक्षिण कोरिया गणराज्य के माननीय रक्षा मंत्री, श्री सुह वुक ने गाँधी स्मृति का दौरा किया.
राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के अधिकारी ने गांधी स्मृति की यात्रा की.
2 मार्च, 2021
गांधी स्मृति
श्रीमती सिंडी विल्सबाक, ने अपनी टीम के साथ, 2 मार्च, 2021 को गांधी स्मृति का दौरा किया। डॉ सेलजा गुलपल्ली, रिसर्च एसोसिएट ने आगंतुकों का स्वागत किया.
4 मार्च, 2021
गांधी स्मृति
सुश्री अनामिका मिथिलेश, दक्षिण दिल्ली नगर निगम की महापौर ने 4 मार्च, 2021 को राजघाट गांधी दर्शन का दौरा किया। उन्होंने परिसर में स्थापित प्रदर्शनी में उत्सुकता से रुचि ली। उन्हें निदेशक समिति निदेशक श्री दीपंकर श्री ज्ञान द्वारा सम्मानित किया गया ।
26 मार्च, 2021
गांधी स्मृति
दक्षिण कोरिया गणराज्य के माननीय रक्षा मंत्री, श्री सुह ने अन्य अधिकारियों के साथ 26 मार्च, 2021 को गांधी स्मृति का दौरा किया और महात्मा गांधी को अपनी श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ। सेलेजा गुलपल्ली, रिसर्च एसोसिएट द्वारा उन्हें संग्रहालय का दौरा करवाया गया।
30 मार्च-1 अप्रैल, 2021
गांधी स्मृति
राष्ट्रीय रक्षा कॉलेज के वरिष्ठ अधिकारियों ने 30 मार्च और 1 अप्रैल, 2021 को गांधी स्मृति में महात्मा गांधी को श्रद्धांजलि अर्पित की। डॉ सेलेजा गुलपल्ली ने अथितियों का अभिनन्दन किया.

अहिंसक संचार के माध्यम से अभद्र भाषा का मुकाबला करने पर ई-संवाद

समिति के कार्यक्रम अधिकारी, डॉ वेदाभ्यास कुंडु ने नफरत भरी बातों के खतरे का मुकाबला करने के लिए अहिंसक संचार के गांधीवादी मॉडल की शुरुआत की। प्रोफेसर जुआन पेड्रो यूनिवर्सिडैड डीए मैड्रिड, स्पेन ने 18 मार्च, 2021 को अहिंसक संचार के माध्यम से नफरत भरे भाषण को नियंत्रित करने पर ई-वार्ता की।

'लेखक से मिलिये' कार्यक्रम का आयोजन

गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति ने 24 मार्च 2021 को दिल्ली विश्वविद्यालय के हंसराज कॉलेज के सभागार में 'लेखक से मिलो' कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में वरिष्ठ साहित्यकार प्रो. के.एन. तिवारी की पुस्तक 'उत्तर कबीर-नंगा फकीर' पर चर्चा हुई। यह पुस्तक गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति द्वारा प्रकाशित की गई है। इस मौके पर अपने भाषण में डॉ. ओमप्रकाश ने कहा कि साहित्य समाज के लिए प्रेरणा का काम करता है. इस पुस्तक में लेखक ने कबीर और गांधी के काल्पनिक संवाद के माध्यम से देश और समाज की विसंगतियों को उजागर किया है।

न्यूरो-भाषाई-प्रोग्रामिंग पर मध्यस्थता भाग-VI पर संवाद

समिति ने 8 मार्च, 2021 को 'न्यूरो लिंग्विस्टिक प्रोग्रामिंग' (एनएलपी) पर मध्यस्थता पर एक संवाद का आयोजन किया। संवाद की श्रृंखला में आयोजित इस छठे कार्यक्रम में सुश्री सलोनी प्रिया, निदेशक उम्मीद काउंसिल एंड कन्सलटेंट व सलाहकार सांस्कृतिक अनुसंधान और प्रशिक्षण (सीसीआरटी) ने प्रमुख व्याख्यान दिया.
सुश्री मानसी शर्मा ने संवाद का संचालन किया, जिसके दौरान सुश्री सौलनी प्रिया ने एनएलपी से संबंधित विभिन्न मुद्दों पर बात की और विस्तार से बताया कि इसका वास्तव में क्या मतलब है। उसने कहा, "'न्यूरो' तंत्रिका तंत्र को संदर्भित करता है जिसके माध्यम से अनुभवों को सचेत या अचेतन विचार में अनुवादित किया जाता है"; "भाषाई' से तात्पर्य है कि लोग कैसे संवाद करते हैं और अनुभवों को समझने के लिए भाषा का उपयोग कैसे किया जाता है.

महात्मा गांधी और विनोबा भावे पर संगोष्ठी

समिति के सहयोग से उत्तर क्षेत्र के खादी संस्थानों और संघों द्वारा गांधी दर्शन में 5 मार्च, 2021 को महात्मा गांधी और विनोबा भावे पर एक सेमिनार आयोजित किया गया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि श्री बसंत कुमार, सदस्य खादी और ग्रामोद्योग आयोग, उत्तर क्षेत्र थे। अध्यक्षता श्री समिति निदेशक श्री दीपंकर श्री ज्ञान ने की। श्री लक्ष्मी दास और श्री माम चंद शर्मा ने भी सभा को संबोधित किया। खादी संस्थाओं के विभिन्न प्रतिनिधियों एवं पदाधिकारियों ने भी कार्यक्रम में अपने विचार रखे।

पत्रकारिता में सत्य साधना पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति और दिल्ली पत्रकार संघ (डीजेए) ने 1 मार्च, 2021 को गांधी दर्शन, राजघाट में पत्रकारिता में सत्य साधना पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया। उत्तरी दिल्ली के मेयर, श्री जय प्रकाश इस अवसर पर मुख्य अतिथि थे। इस अवसर पर समिति निदेशक श्री दीपंकर श्री ज्ञान, श्री ओंकारेश्वर पांडे, वरिष्ठ पत्रकार; श्री मनोहर सिंह, अध्यक्ष, डीजेए; श्री अमलेश राजू, वरिष्ठ पत्रकार, श्री मनोज मिश्रा, वरिष्ठ पत्रकार, डॉ. वेदभ्यास कुंडू, कार्यक्रम अधिकारी, सहित अनेक गणमान्य लोग उपस्थित थे. इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के अध्यक्ष पद्मश्री राम बहादुर राय वस्तुतः इस अवसर पर शामिल हुए

साबरमती से दांडी यात्रा को हरी झंडी दिखाकर आजादी के अमृत महोत्सव का शुभारम्भ

ऐतिहासिक दांडी मार्च की 91वीं वर्षगांठ पर भारत के माननीय प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी ने अहमदाबाद से 25 दिवसीय 'दांडी मार्च' को हरी झंडी दिखाई, जिसका समापन 6 अप्रैल को नवसारी जिले के दांडी में 12 मार्च, 2021 को हुआ। श्री नरेंद्र मोदी ने इस अवसर पर 'आजादी का अमृत महोत्सव' कार्यक्रम का भी शुभारंभ किया। यह महोत्सव 15 अगस्त, 2023 तक चलेगा। भारत 15 अगस्त, 2022 को 75वां स्वतंत्रता दिवस मनाएगा।
इस अवसर पर माननीय संस्कृति मंत्री एवं समिति उपाध्यक्ष श्री प्रहलाद सिंह ने भी साबरमती से नादियाड तक अपनी पदयात्रा (मार्च) शुरू की। समिति निदेशक श्री दीपंकर श्री ज्ञान और अन्य अधिकारियों के साथ गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति के लगभग 27 स्वयंसेवकों सहित कुल 110 स्वयंसेवकों की एक टीम का नेतृत्व करते हुए, श्री प्रहलाद सिंह पटेल ने नडियाद तक 75 किलोमीटर की दूरी तय की। नडियाद पहुंचने से पहले, उन्होंने चंदोला तालाब असलाली, बरेजा, नवगम, वासना, मातर और दभान जैसे स्थानों की यात्रा की.
यात्रा में भाग लेने वालों में श्रीमती गीता शुक्ला, शोधअधिकारी, श्री रिजवान उर रहमान, श्री जगदीश प्रसाद, श्री अरबिंदो मोहंती, श्री दिलीप कुमार, श्री नरेंद्र कुमार, श्री यतेंद्र सिंह, श्री प्रवीण दत्त शर्मा, श्री पीयूष हलदर, श्री विवेक कुमार, श्री दीपक तिवारी, श्री दीपक पांडे, श्री सुनील, श्री नवीन, श्री महेंद्र सिंह, श्री धर्म पाल, श्री राकेश शर्मा, श्री हरेन्द्र, श्री गणेश, श्री मनीष, श्री धनराज, श्री मनीष कुमार, श्री धर्मराज कुमार, श्री अरविंद कुमार और श्री अरुण सैनी शामिल थे.
श्री प्रहलाद सिंह पटेल के नेतृत्व में 75 किलोमीटर की दांडी यात्रा नडियाद में समाप्त हुई। श्री पटेल के साथ इस यात्रा में... Read More

भारत के माननीय राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया और पं. दीन दयाल उपाध्याय की प्रतिमा का अनावरण किया.

भारत के माननीय राष्ट्रपति श्री राम नाथ कोविंद ने 7 मार्च, 2021 को बेलाताल दमोह में महात्मा गांधी, राम मनोहर लोहिया और पंडित दीन दयाल उपाध्याय की कांस्य प्रतिमाओं का वस्तुतः उद्घाटन किया। प्रतिमाओं को प्रख्यात मूर्तिकार पद्मश्री श्री राम सुतार द्वारा गाँधी स्मृति एवं दर्शन समिति के सहयोग से बनाया है। माननीय राष्ट्रपति ने मध्यप्रदेश में दमोह जिले के सिंगोरगढ़ किले में संरक्षण कार्यों का भी उद्घाटन किया और मध्य प्रदेश में दमोह जिले के सिंगरमपुर गांव में सिंगोरगढ़ किले के संरक्षण कार्यों की आधारशिला रखी. माननीय राष्ट्रपति ने राज्य स्तरीय आदिवासी सम्मेलन को भी संबोधित किया। कार्यक्रम का आयोजन संस्कृति मंत्रालय, भारत सरकार और मध्य प्रदेश के जनजातीय कार्य विभाग द्वारा किया गया था। राष्ट्रपति ने गांव सिंगरमपुर में रानी दुर्गावती की प्रतिमा पर पुष्पांजलि अर्पित की.

"शांति पर चिंतन” पर किर्गिस्तान के साथ वार्ता

5 फरवरी, 2021
संवाद का विषय "पीस मैटर्स" था जहां निम्नलिखित प्रतिभागियों ने अपने विचार प्रस्तुत किए। 11 वक्ताओं ने विभिन्न मुद्दों पर अपने विचार साझा किए। किर्गिस्तान के ऑनलाइन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष प्रो. एलिरा तुर्दुबायेवा ने चर्चा का समन्वय किया। डॉ. वेदाभ्यास कुंडू, कार्यक्रम अधिकारी, ने प्रतिभागियों के साथ सत्र का संचालन किया।

मध्यस्थता' और बॉडी लेन्गुएग्ज

श्रृंखला IV
'मध्यस्थता' और बॉडी लेन्गुएग्ज पर अंतरराष्ट्रीय स्तर पर प्रशंसित वक्ता, ऑस्ट्रेलिया के साइमन हाउडेन ने मध्यस्थता पर विभिन्न मुद्दों पर बात की
11 फरवरी, 2021
उन्होंने कहा,"मध्यस्थ की जिम्मेदारी सुरक्षित स्थान बनाना है जहां लोगों को लगता है कि वे संवाद कर सकते हैं। लोग अक्सर शिक्षित हो जाते हैं। लेकिन शिक्षा मात्र एक उपकरण है। यह आपको ज्ञान देता है, लेकिन उस ज्ञान को व्यवहार में लाने की जरूरत है।

सीरीज v
सुश्री रॉबर्टा वॉल, एक मध्यस्थ और कोच अहिंसक संचार व संघर्ष समाधान
11 फरवरी, 2021
उन्होंने कहा कि किसी भी स्तर पर मध्यस्थ को यह सब जानने की जरूरत नहीं है। विश्व आज हर जगह संघर्ष से भरा है और मध्यस्थों को शांतिपूर्ण संचारक बनने की इच्छा होनी चाहिए"

सीरीज III अधिवक्ता, मध्यस्थ, सुलहकर्ता, गोल्फर एवं शांतिदूत श्री विक्रम सिंह ने भाग लिया।

10 फरवरी, 2021
उन्होंने कहा, "विवादों का समाधान पक्षों में परस्पर ही सबसे अच्छा होता है। जब अहंकार, गलत संचार और ऐसी अन्य चीजें एक संवाद में बाधा डालती हैं, तब मध्यस्थता शुरू होती है। मध्यस्थता सभी परिस्थितियों के आसपास केंद्रित बातचीत के बारे में है। यह एक अनौपचारिक प्रक्रिया है जो सड़क, स्कूल, पार्क कहीं भी हो सकती है। मध्यस्थों को प्रशिक्षित लोगों की नहीं बल्कि मध्यस्थता की मानसिकता वाले लोगों की आवश्यकता है।

सीरीज II - सुश्री इरम मजीद ,कार्यकारी निदेशक एशिया पैसिफिक सेंटर फॉर आर्बिट्रेशन एंड मीडिएशन, दिल्ली

8 फरवरी, 2021
अन्य बातों के साथ बातचीत के दौरान उन्होंने कहा कि "मुकदमा इस बारे में है कि कौन सही है जबकि मध्यस्थता इस बारे में है कि क्या सही है। मध्यस्थता जीवन का एक तरीका है। यह मानव-मानव संबंध के बारे में है और इसलिए मूल्यांकन को हतोत्साहित करता है। मध्यस्थता का उद्देश्य मुद्दों के पीछे अंतर्निहित हितों का पता लगाना है

मध्यस्थता पर संवाद श्रृंखला श्रृंखला I - पेरू से संघर्ष समाधान के वैकल्पिक तंत्र विशेषज्ञ, श्री गुस्तावो अनाय सेंटेनो और TEDx के अध्यक्ष और शांति और संघर्ष अध्ययन के विशेषज्ञ, जापान की सुश्री एलिजाबेथ कैथरीन गरारा वक्ता थीं।

6 फरवरी, 2021
मध्यस्थता, बातचीत की एक प्रक्रिया है जिसमें एक तीसरा पक्ष शामिल होता है. इसके माध्यम से यह पता चलता है कि मध्यस्थता व्यक्तिगत स्तर के साथ-साथ संस्थागत स्तर पर भी हो सकती है। मध्यस्थ बनने के लिए, इस प्रक्रिया में कई अवांछित चीजों को छोड़ना होगा।

कला के माध्यम से तिहाड़ के कैदियों ने दी 'बा' को श्रद्धांजलि

समीति ने 22 फरवरी, 2021 को तिहाड़ जेल सीजे -4 और दिल्ली अचीवर्स के इनर व्हील क्लब के सहयोग से कस्तूरबा गांधी की 77 वीं पुण्यतिथि मनाई. इसमें कैदियों ने स्वतंत्रता संग्राम के दिग्गजों - महात्मा गांधी, कस्तूरबा गांधी और आचार्य विनोबा भावे को पेंटिंग बनाकर चित्रों के माध्यम से श्रद्धांजलि दी। कार्यक्रम का संचालन सीजे-4 में डॉ. मंजू अग्रवाल ने किया। कार्यक्रम में सीजे-4 स्कूल ऑफ आर्ट्स के 48 कैदियों ने भाग लिया।

'साथी मध्यस्थता: विवाद समाधान के लिए एक रचनात्मक दृष्टिकोण' पर कार्यशाला

18 फरवरी, 2021, उन्नत भारत अभियान यूबीए, एसआरसीएएसडब्ल्यू और अंग्रेजी और जैव रसायन विभाग के सहयोग से
इस संवाद का मुख्य उद्देश्य युवा लोगों में ध्यान क्षमताओं का विकास करना और रिश्तों के सामंजस्यपूर्ण परिवर्तन को सुनिश्चित करना था। कार्यशाला के प्रमुख वक्ताओं में शामिल थे: डॉ. वेदभ्यास कुंडू, कार्यक्रम अधिकारी, जीएसडीएस; श्री गुलशन गुप्ता, उत्तर-पूर्व समन्वयक। बातचीत के दौरान उनसे लोगों से उन संघर्षों के बारे में पूछा जिनका वे सामना और उनका समाधान कैसे करते हैं। फिर उन्होंने सहकर्मी मध्यस्थता के महत्व और प्रभावी ढंग से एक सहकर्मी मध्यस्थ बनने के तरीके के बारे में बताया। उन्होंने उन गुणों पर भी चर्चा की जो एक सहकर्मी मध्यस्थ के लिए आवश्यक हैं। उन्होंने अहिंसा और सहकर्मी मध्यस्थता को बहुत खूबसूरती से जोड़ा।

अपने अनुयायियों की नजर से गांधी - एक प्रतिबिंब

12 फरवरी, 2021, मालवीय शांति अनुसंधान केंद्र, बनारस हिंदू विश्वविद्यालय (बीएचयू) के सहयोग से
“गांधी अपने अनुयायियों की नजर से शीर्षक वाले कार्यक्रम में समिति के कार्यक्रम अधिकारी डॉ. वेदव्यास कुंडू, ने दो प्रख्यात दिग्गजों और गांधीवादी विचारकों, बाबा आमटे और नटवर ठक्कर पर अपने विचार रखे। डॉ. कुंडू ने लोगों और समाज की मुक्ति के लिए इन दिग्गजों के अपार निस्वार्थ योगदान पर चर्चा की।

संचार के गांधीवादी दृष्टिकोण के माध्यम से संघर्ष क्षमता को बढ़ावा देना" विषय पर छठा अंतर्राष्ट्रीय ई-संवाद

20 जनवरी 2021
गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति एमिटी स्कूल ऑफ कम्युनिकेशन के सहयोग से इस चर्चा का मुख्य एजेंडा विवादों के समाधान में अहिंसक संचार का महत्व था। पैनल में प्रो. साइमन हाउडेन (ऑस्ट्रेलिया), प्रो. ड्रिसिया चौइट (मोरक्को), सुश्री एलिजाबेथ कैथरीन गामरा (जापान), प्रो. फातिमा हैदरी (अफगानिस्तान), श्री दीपंकर श्री ज्ञान (निदेशक जीएसडीएस), डॉ वेदव्यास कुंडू (कार्यक्रम अधिकारी, जीएसडीएस) और डॉ अंशु अरोड़ा जैसे विभिन्न वक्ता शामिल थे। ),

समकालीन युग में गांधीवादी नैतिकता का पुनरीक्षण" पर पांचवां अंतर्राष्ट्रीय ई-संवाद

इस ई सम्वाद में समिति निदेशक श्री दीपंकर श्री ज्ञान ने स्वागत भाषण दिया. समिति की पूर्व उपाध्यक्ष श्रीमती तारा गांधी भट्टाचार्जी, डॉ विद्या जैन, संयोजक, अहिंसा आयोग, अंतर्राष्ट्रीय शांति अनुसंधान संघ (आईपीआरए) और प्रो. लेस्टर आर. कुर्तज़, सार्वजनिक समाजशास्त्र प्रोफेसर जॉर्ज मेसन विश्वविद्यालय, यूएसए प्रमुख वक्ता के तौर पर उपस्थित थीं। इस सत्र में दो युवा वक्ताओं जापान के सोका विश्वविद्यालय से सुश्री येन फोबे मोक सीन और श्री विदुर भरतराम, फोटोग्राफर और फिल्म निर्माता ने भी अपने दृष्टिकोण साझा किए। डॉ. एन राधाकृष्णन, गांधीवादी विचारक, शांति-कार्यकर्ता, शिक्षक और लेखक व पूर्व निदेशक, गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति ने सत्र की अध्यक्षता की।

गांधी-सुभाष संबंध का संवाद आयाम

गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति द्वारा केजीआईडी, मणिपुर के सहयोग से समिति द्वारा डॉ बीआर अंबेडकर विश्वविद्यालय, दिल्ली विश्वविद्यालय और कस्तूरबा गांधी विकास संस्थान, मणिपुर के सहयोग से 23 जनवरी, 2021 को नेताजी सुभाष चंद्र बोस की 124वीं जयंती पर उन्हें भावभीनी श्रद्धांजलि अर्पित की गयी। प्रो. सलिल मिश्रा, प्रति-कुलपति, डॉ. बीआर अम्बेडकर विश्वविद्यालय ने मुख्य भाषण दिया।

स्वामी विवेकानंद की 158वीं जयंती के अवसर पर "स्वयं को जानो" पर आभासी संवाद

इस अवसर पर गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति द्वारा SABDAM और राज्य बाल भवन असम के सहयोग से विवेकानंद केंद्र कन्याकुमारी, असम प्रांत की सुश्री बरनाली चक्रवर्ती मुख्य वक्ता थीं।

'मेकिंग ऑफ ए हिंदू पैट्रियट' पुस्तक का विमोचन

हर आनंद पब्लिशर्स के सहयोग से सेंटर फॉर पॉलिसी स्टडीज द्वारा प्रकाशित डॉ. जितेंद्र कुमार बजाज और प्रो. एम. डी. श्रीनिवास द्वारा लिखित 'मेकिंग ऑफ ए हिंदू पैट्रियट' की पुस्तक विमोचन में सरसंघचालक डॉ. मोहन भागवत मुख्य अतिथि थे।

लार्ड भीखू पारेख द्वारा “गांधी की अहिंसा कितनी अहिंसक है” विषय पर लार्ड भीखू पारेख द्वारा शांति और अहिंसक व्याख्यान

गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति अहिंसक व्याख्यान श्रृंखला के तहत समिति ने 18 दिसंबर, 2020 को"गांधी की अहिंसा कैसे अहिंसक है" पर एक व्याख्यान का आयोजन किया. पद्म भूषण लार्ड भीखू पारेख ने ऑनलाइन व्याख्यान दिया, जिसकी अध्यक्षता प्रोफेसर विद्या जैन, संयोजक, अहिंसा आयोग और अंतर्राष्ट्रीय शांति अनुसंधान संघ ने की।

लद्दाखी कला और शिल्प के संरक्षण और संवर्धन पर ऑनलाइन कार्यशाला

लद्दाखी कला और शिल्प के संरक्षण और संवर्धन पर ऑनलाइन कार्यशाला में लद्दाखी शिल्प के प्रशिक्षण और उत्पादन जैसे शॉल, कढ़ाई के सामान, सजावटी सामान, पारंपरिक बुना हुआ पहनने के उत्पाद आदि में लगी 30 जनजाती छात्राओं ने भाग लिया। कार्यशाला में स्वदेशी शिल्प के प्रचार और संरक्षण के लिए बनाये गए अपने शिल्प का प्रदर्शन किया।समिति के पूर्व सलाहकार श्री बसंत सिंह, इस अवसर पर विशेषज्ञ के रूप में उपस्थित थे।

स्वामी विवेकानंद, भारतीय संस्कृति और वैश्विक शांति पर राष्ट्रीय संगोष्ठी

सोसाइटी फॉर सोशल एम्पावरमेंट एंड इंडियन काउंसिल ऑफ फिलॉसॉफिकल रिसर्च, नई दिल्ली द्वारा 11-13 दिसंबर, 2020 तक "स्वामी विवेकानंद, भारतीय संस्कृति और वैश्विक शांति" पर तीन दिवसीय राष्ट्रीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति और चौधरी बंसीलाल विश्वविद्यालय, भिवानी, हरियाणा के सौजन्य से आयोजित इस संगोष्ठी में इतिहासकारों, शिक्षाविदों, लेखकों ने विभिन्न विषयों पर आधारित सत्रों में अपनी बात रखी।

भारत निर्वाचन आयोग के प्रतिनिधियों का गांधी दर्शन दौरा।

भारत के चुनाव आयोग का एक प्रतिनिधिमंडल, जिसमें उत्तर पश्चिम दिल्ली और मध्य दिल्ली के उप चुनाव आयुक्त शामिल थे ने अन्य प्रतिनिधियों के साथ 12 नवंबर, 2020 को गांधी दर्शन का दौरा किया। उन्होंने डोम थिएटर और 360° वीडियो-इमर्सिव अनुभव का दौरा किया। समिति निदेशक श्री दीपंकर श्री ज्ञान ने गांधी दर्शन में प्रतिनिधियों की मेजबानी की। डीएसटी के श्री सच्चिदानंद स्वामी ने उन्हें 6 नवंबर, 2020 को केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ हर्षवर्धन और संस्कृति मंत्री और समिति के उपाध्यक्ष श्री प्रहलाद सिंह पटेल द्वारा उद्घाटित डिजिटल इंस्टॉलेशन के बारे में बताया।

अहिंसक संचार पर ऑनलाइन सर्टिफिकेट कोर्स का शुभारंभ

19 नवंबर, 2020 को गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति द्वारा आयोजित अहिंसक संचार पर ऑन-लाइन सर्टिफिकेट कोर्स के शुभारंभ के दौरान लिबरल आर्ट्स विश्वविद्यालय, बांग्लादेश (ULAB) के 100 प्रतिभागियों ने एक वेबिनार में भाग लिया। चर्चा की शुरुआत करते हुए, प्रो. जूड विलियम आर. जेनिलो, प्रोफेसर और MSJ-ULAB के प्रमुख ने अपने संगठन और सहिष्णुता के मूल्य के बारे में बताया।

भारत के संविधान की 71वीं वर्षगांठ पर वेबिनार

भारत के संविधान की 71वीं वर्षगांठ पर वेबिनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में लगभग 79 छात्रों, स्वयंसेवकों, एनयूएसआरएल के संकाय सदस्यों, वकीलों व अन्य लोगों की एक सभा को संबोधित करते हुए, मुख्य वक्ता न्यायमूर्ति विक्रमादित्य प्रसाद ने कहा कि महात्मा गांधी के विचारों और दृष्टि के प्रभाव को भारत के संविधान में देखा जा सकता है. समाजवाद से लेकर सर्वोदय तक, महिलाओं के कल्याण और अन्य मुद्दों व मानव जीवन के सभी पहलुओं पर गांधी जी के विचार दृष्टिगत होते हैं. वेबिनार के दौरान पूर्वाह्न 11.00 बजे भारतीय संविधान की प्रस्तावना को हिंदी और अंग्रेजी में पढ़ा गया। तीस जनवरी मार्ग पर स्थित गांधी स्मृति और गांधी दर्शन, राजघाट के दोनों परिसरों में कार्यरत समिति के सदस्य प्रस्तावना पढ़ने में शामिल हुए।

अहिंसक संचार व्याख्यान श्रृंखला

4 नवंबर, 2020: व्याख्यान का फोकस इस बात पर था कि अहिंसक संचार के माध्यम से संघर्षों को कैसे सुलझाया जाए।
11 नवंबर, 2020: सीबीएसई के साथ चौथी व्याख्यान श्रृंखला क्रोध प्रबंधन पर केंद्रित थी। जीएसडीएस कार्यक्रमों के उत्तर पूर्व समन्वयक श्री गुलशन गुप्ता द्वारा आयोजित कार्यशाला में क्रोध के पीछे के मनोविज्ञान को समझने और क्रोध को शांत करने पर ध्यान केंद्रित किया गया।
18 नवंबर, 2020: व्याख्यान का फोकस अहिंसक संचार के माध्यम से स्वयं को समझने पर था। आत्म-जागरूक होने की तकनीकों पर ध्यान केंद्रित किया गया था और कैसे हमारी आत्म-चर्चा और आंतरिक संवाद प्रकृति में अहिंसक होना चाहिए पर मंथन किया गया।

डिजिटल प्रदर्शनी और सर्कुलर डोम में 360° वीडियो-इमर्सिव अनुभव का उद्घाटन

महात्मा गांधी पर उनके जीवन, संघर्ष और उनके दृष्टिकोण व “मोहन से 'महात्मा' तक” की यात्रा को प्रदर्शित करने वाली एक इंटरैक्टिव डिजिटल प्रदर्शनी जिसमें 'मल्टीयूजर एंगेजमेंट के लिए स्मार्ट इंटरफेस' और एक गोलाकार गुंबद में 360 ° वीडियो-इमर्सिव अनुभव था, गाँधी दर्शन में स्थापित की गयी, जिसका उदघाटन माननीय संस्कृति राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) एवं उपाध्यक्ष गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति श्री प्रह्लाद सिंह पटेल के साथ माननीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी व स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री डॉ. हर्षवर्धन द्वारा 6 नवंबर, 2020 को किया गया।

"अहिंसक संचार" पर किर्गिस्तान ऑनलाइन विश्वविद्यालय के साथ ऑनलाइन अभिविन्यास कार्यक्रम

गांधी स्मृति एवं दर्शन समिति ने 20 अक्टूबर, 2020 को "अहिंसक संचार" पर किर्गिस्तान के ऑनलाइन विश्वविद्यालय के साथ एक ऑनलाइन अभिविन्यास कार्यक्रम की मेजबानी की। इस अभिविन्यास कार्यक्रम में मुख्य वक्ता डॉ. वेदभ्यास कुंडू, कार्यक्रम अधिकारी, जीएसडीएस थे। ऑनलाइन विश्वविद्यालय के अध्यक्ष डॉ. एलिरा तुरबुदेवा ने स्वागत भाषण दिया। किर्गिस्तान और भारत के 63 प्रतिभागी वस्तुतः अभिविन्यास कार्यक्रम में शामिल हुए।

जंतर मंतर पर चरखे का प्रदर्शन

गांधी स्मृति और दर्शन समिति के आठ स्पिनरों ने 2 अक्टूबर, 2020 को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा आयोजित एक कार्यक्रम में जंतर मंतर पर एक चरखा प्रदर्शन में भाग लिया, जो 2 अक्टूबर, 2020 को सादगी और आर्थिक स्वतंत्रता के उन संदेशों को उजागर करने के लिए आयोजित किया गया था, जिनके जरिये स्वतंत्रता संग्राम के दौरान गांधी ने नागरिकों के बीच जागृति पैदा की थी।

अहिंसक संचार पर समिति और सीबीएसई द्वारा निशुल्क ऑनलाइन पाठ्यक्रम आरम्भ

देश भर के छात्रों, शिक्षकों, प्रधानाचार्यों और अभिभावकों तक पहुंचने की एक बड़ी पहल के रूप में, समिति ने केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के साथ मिलकर अहिंसक संचार पर अपना मुफ्त ऑनलाइन पाठ्यक्रम शुरू किया। समिति अप्रैल 2020 से पाठ्यक्रम चला रही है।

वैश्विक महामारी संकट के समय में मानव एकजुटता की अनिवार्यता" पर अंतर्राष्ट्रीय वेबिनार

वेबिनार के प्रथम दिन के सत्र की अध्यक्षता प्रो. प्रियांकर उपाध्याय, यूनेस्को चेयर फॉर पीस, मालवीय शांति अनुसंधान केंद्र, एफएसएस, बीएचयू, ने की। सम्मेलन की शुरुआत समिति की शोध अधिकारी श्रीमती गीता शुक्ला द्वारा दिए गए स्वागत भाषण से हुई। वेबिनार में 80 प्रतिभागियों ने भाग लिया। द्वितीय दिन "यंग रिसर्चर्स फोरम" में दुनिया के विभिन्न हिस्सों के वक्ताओं ने अपने विचार साझा किए।.

सत्याग्रह के माध्यम से स्वराज के उनके दर्शन को आकार देने में यूरोप और अफ्रीका के माध्यम से महात्मा गांधी की यात्रा" पर आभासी अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन

इस अवसर पर भारत सरकार के विदेश राज्य मंत्री श्री वी मुरलीधरन मुख्य अतिथि थे। वेबिनार में 65 प्रतिभागियों ने भाग लिया जिसमें श्रीमती इला गांधी, अध्यक्ष गांधी विकास ट्रस्ट (डरबन), दक्षिण अफ्रीका जैसे वक्ता शामिल थे। मुख्य वक्ताओं में वीरेंद्र गुप्ता, अध्यक्ष (एआरएसपी); अनूप मुद्गल, अध्यक्ष, डीआरआरसी; श्री श्याम परांडे, महासचिव एआरएसपी श्री दीपंकर श्री ज्ञान, निदेशक जीएसडीएस उपस्थित थे।

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